सुंदर कहानी यूनान देश की।

Technical mythology
       मैं आज जो कहानी सुनाने जा रहा हूं, वह यूनान देश के थेरेस प्रांत की है।थेरस प्रांत में एक निर्धन बालक रहता था । वहअपने निर्धन माता-पिता के जीवन का सहारा था। वह बालक रोज लकड़ी काटने जंगल में जाता व लकड़ी काट के लाता । फिरसुंदर ढंग से गट्ठर बनाया करता था,और फिर उसको बाजार ले जाकर बेच देता। उससे जो पैसे मिलते थे,उन्हीं से अपने माता-पिता और अपने परिवार की देखभाल करताथा। एकदिन,रोज की तरह वह,जंगल से लकड़ियां काटकर,उनके गट्ठर बनाकर,बाजार में बेच रहा था , कि तभी एक प्रतिष्ठित पुरुष उसके पास आ पहुंचा ।वह पुरुष उसके गट्ठर को देख रहा था ,उस ने बच्चे से पूछा -'यह गट्ठर तुमने बनाया है '?तो लड़के ने जवाब दिया-' हां !यह गट्ठर मैंने बनाया है'। दरअसल वह गट्ठर बड़े ही सुंदर ढंग से बना था, उसे बहुत ही अच्छे ढंग से कलात्मक ढंग से बांधा गया था।उस प्रसिद्ध पुरुष ने उस बच्चे को कहा -'अगर तुमने यह गट्ठा बनाया है ,तो फिर से बांध के दिखाओ' ।उसबालक ने तत्काल उस गट्ठर को खोल दिया और फिर सेउस गट्ठर को वैसे ही कलात्मक ढंग से बांध दिया।उस बालक की खूबी से वह व्यक्ति प्रभावित हो गया। उसने उस बालकको कहा कि-' मैं तुम्हें अपने साथ अपने घर ले चलूंगा, तुम्हारे पढ़ाई लिखाई सब की व्यवस्था कर दूंगा । उस बालक ने उत्तर दिया कि -'मेरे पास माता-पिता गरीब है। उनकोछोड़कर मैं कैसे जाऊं ?तो उस व्यक्ति ने उसके माता-पिता से भी बात की ,और कहा-' इस बच्चे के पढ़ाई लिखाई सारी व्यवस्था मैं कर दूंगा , इसे मेरे साथ भेजो।'माता-पिता भी उसको उस व्यक्ति के साथ भेजने पर राजी हो गए । उस केबाद उस व्यक्ति ने उसे स्कूल में दाखिला करवा दिया ।दाखिलाकरवाने के बाद, वह खुद शाम को उस बच्चे को पढाता था और वह बच्चा भी पूरी तन्मयता से उनकी बातों को सुनता,उनके पढ़ाई पाठों को याद करता।
क्या आप जानते हैं किवह बालक कौन था? और वह व्यक्ति कौन था? जिसने यह काम किया था? वह बालक और कोई नहीं पाइथागोरस थे जो आगे चलकर महान गणितज्ञ बने जिनके गणित के प्रमेय आजकल के बच्चे पढ़ते हैं। बिना इन प्रमेयों में प्रवीण हुए कोई व्यक्ति अच्छा गणितज्ञ नहीं बन सकता है। और वह महान व्यक्ति कौन था? जिसने उस बालक के, कलात्मक ढंग से गट्ठर बांधने की कला को देखकर, उसने बालक के भीतर छिपी प्रतिभा को जान लिया, वह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि यूनान का महान तत्व ज्ञानी डेमोक्रिटस थे।                        इसSTORY का MORAL यह है कि,आप कोई भी काम करिए,पूरी तन्मयता से,मन लगाकर कीजिए।पूरी तन्मयता से,मन लगाकर उस पाइथागोरस नाम के निर्धन बालक ने,महान तत्व ज्ञानी डेमोक्रिटस के मन को जीत लिया था। और अपने आगे के भविष्य के लिए रास्ता तैयार कर लिया।अतः कोई भी काम करें पूरी तन्मयता से करें,और उसमें अपना पूरा समय दे,छोटा से छोटा काम भी ,तन्मयता से करना ही,हमारे आगे के जीवन के लिए रास्ता तैयार कर सकता है।
              धन्यवाद

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